200+ राहत इन्दोरी शायरी | Rahat Indori Shayari In Hindi | Motivational Rahat Indori Shayari

Rahat Indori Shayari In Hindi – इस Post में हम पढेंगे Rahat Indori Shayari In Hindi जिसमे आप पढ़ेंगे एक से बढ़कर एक Motivational Rahat Indori Shayari जो आपको बहुत ही पसंद आने वाला हैं।  

तो दोस्तों स्वागत है आपका फिर से Aloneboy.in में जहा पर हम आपके लिए लेकर आयें बेहतरीन 200+ राहत इन्दोरी शायरी इन हिन्दी जिसकी मदद से अपने अन्दर की Feeling किसी दुसरे के साथ आसानी से share कर सकते हैं। मुझे आशा है की आपको यहाँ पर दिए गए Rahat Indori Shayari 2 Lines बहुत ही पसंद आएगी।

rahat indori shayari in hindi

आप इन Rahat Indori Shayari In Hindi को आप अपने Social Media जैसे Whatsapp, Facebook और Instagram आदि जगहों पर भी share कर सकते हैं।   

Rahat Indori Shayari In Hindi

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विश्वास बन के लोग ज़िन्दगी में आते है,

ख्वाब बन के आँखों में समा जाते है,

पहले यकीन दिलाते है की वो हमारे है,

फिर न जाने क्यों बदल जाते है।

सब प्यासे हैं सबका अपना ज़रिया है, बढ़िया है,

हर कुल्हड़ में छोटा-मोटा दरिया है, बढ़िया है।

सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें,

जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें,

शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं हैं हम,

आंधी से कोई कह दे की औकात में रहें।

सलिक़ा जिनको सिखाया था हमने चलने का,
वो लोग आज हमें दायें-बायें करने लगे।

Rahat Indori Shayari In Hindi

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लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के सँभलते क्यूँ हैं,

इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यूँ हैं।

इसे तूफां ही किनारे से लगा देते हैं,

मेरी कश्ती किसी पतवार की मोहताज नहीं।

मेरी सांसों में समाया भी बहुत लगता है,

और वही शख्स पराया भी बहुत लगता है,

उससे मिलने की तमन्ना भी बहुत है लेकिन

आने जाने में किराया भी बहुत लगता है।

शहरों में बारूदों का मौसम है,

गांव चलो ये अमरूदों का मौसम है।

 Motivational Rahat Indori Shayari In Hindi

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आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो,

ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो,

एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तो

दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो।

ये कैंचियाँ हमें उड़ने से ख़ाक रोकेंगी,

के हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं।

ये सहारा जो नहीं हो तो परेशान हो जाएँ,

मुश्किलें जान ही लेलें अगर आसान हो जाएँ,

ये जो कुछ लोग फरिश्तों से बने फिरते हैं,

मेरे हत्थे कभी चढ़ जाएँ तो इंसान हो जाएँ।

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मेरे अधूरे शेर में थी कुछ कमी मगर,

तुम मुस्कुरा दिए तो मुझे दाद मिल गयी।

 Motivational Rahat Indori Shayari In Hindi

फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए,

जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए,

भूलना भी हैं, जरुरी याद रखने के लिए,

पास रहना है, तो थोडा दूर होना चाहिए।

ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ,

मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ।

तुम ही सनम हो, तुम ही खुदा हो,

वफा भी तुम हो तुम, तुम ही जफा हो,

सितम करो तो मिसाल कर दो,

करम करो तो कमाल कर दो।

न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा,

हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा।

धनक है, रंग है, एहसास है की खुशबू है,

चमक है, नूर है, मुस्कान है के आँसू है,

मैं नाम क्या दूं उजालों की इन लकीरों को

खनक है, रक्स है, आवाज़ है की जादू है।

Bewafa Rahat Indori Shayari In Hindi

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भूलना भी हैं, जरुरी याद रखने के लिए,

पास रहना है, तो थोडा दूर होना चाहिए।

प्यार के उजाले में गम का अँधेरा क्यों है,

जिसको हम चाहे वही रुलाता क्यों है,

मेरे रब्बा अगर वो मेरा नसीब नहीं तो,

ऐसे लोगो से हमे मिलता क्यों है।

आग के पास कभी मोम को लाकर देखूं,

हो इज़ाज़त तो तुझे हाथ लगाकर देखूं।

मैं एक गहरी ख़ामोशी हूँ आ झिंझोड़ मुझे,
मेरे हिसार में पत्थर-सा गिर के तोड़ मुझे,
बिखर सके तो बिखर जा मेरी तरह तू भी,
मैं तुझको जितना समेटूँ तू उतना जोड़ मुझे।
Rahat Indori Shayari In Hindi

राज़ जो कुछ हो इशारों में बता भी देना,

हाथ जब उससे मिलाना तो दबा भी देना।

फैसला जो कुछ भी हो, मंज़ूर होना चाहिए,

जंग हो या इश्क़ हो, भरपूर होना चाहिए।

 Bewafa Rahat Indori Shayari In Hindi

अजीब लोग हैं मेरी तलाश में मुझको,

वहां पर ढूंढ रहे हैं जहां नहीं हूं मैं।

किसने दस्तक दी है दिल पर कौन है ,

आप तो अंदर हैं, बाहर कौन है।

जा के कोई कह दे, शोलों से चिंगारी से,

फूल इस बार खिले हैं बड़ी तैयारी से।

शहरों में तो बारुदों का मौसम है,

गांव चलो अमरूदों का मौसम है,

सूख चुके हैं सारे फूल फरिश्तों के,

बागों में नमरूदों का मौसम है।

बन के इक हादसा बाज़ार में आ जाएगा,

जो नहीं होगा वो अखबार में आ जाएगा।

लू भी चलती थी तो बादे-शबा कहते थे,

पांव फैलाये अंधेरो को दिया कहते थे,

उनका अंजाम तुझे याद नही है शायद,

और भी लोग थे जो खुद को खुदा कहते थे।

Rahat Indori Shayari Hindi

rahat indori shayari photo

नींद से मेरा ताल्लुक़ ही नहीं बरसों से,

ख़्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यूं हैं।

तुम्हें किसी की कहाँ है परवाह,

तुम्हारे वादे का क्या भरोसा,

जो पल की कह दो तो कल बना दो,

जो कल की कह दो तो साल कर दो।

मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर,

मगर हद से गुजर जाने का नईं।

जा के ये कह दो कोई शोलो से, चिंगारी से

फूल इस बार खिले है बड़ी तय्यारी से,

बादशाहों से भी फेंके हुए सिक्के ना लिए

हमने ख़ैरात भी माँगी है तो ख़ुद्दारी से।

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है,

चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है।

कम नहीं हैं मुझे हमदमों से,

मेरा याराना है इन गमों से,

मैं खुशी को अगर मुंह लगा लूं,

मेरे यारों का दिल टूट जाए।

 Bewafa Rahat Indori Shayari In Hindi

लोग हर मोड़ पे रूक रूक के संभलते क्यूँ है,

इतना डरते है तो घर से निकलते क्यूँ है।

यही ईमान लिखते हैं, यही ईमान पढ़ते हैं,

हमें कुछ और मत पढवाओ, हम कुरान पढ़ते हैं,

यहीं के सारे मंजर हैं, यहीं के सारे मौसम हैं,

वो अंधे हैं, जो इन आँखों में पाकिस्तान पढ़ते हैं।

शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं है,

आँधी से कोई कह दे आँधी से के औकात में रहे।

जा के ये कह दे कोई शोलों से चिंगारी से इश्क़ है

फूल इसबार खिलेगी बड़ी तैयारी है

मुदात्तो क बाद यु तब्दिल हुआ है मौसम

जैसे छुटकारा मिली हो बीमारी से।

फूक़ डालूगा मैं किसी रोज़ दिल की दुनिया,

ये तेरा ख़त तो नहीं है की जला भी न सकूं।

नयी हवाओं की सोहबत बिगाड़ देती हैं,

कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती हैं,

जो जुर्म करते है इतने बुरे नहीं होते,

सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती हैं।

Mohabbat Rahat Indori Shayari

mohabbat rahat indori shayari

मोड़ होता है जवानी का सँभलने के लिए,

और सब लोग यहीं आ के फिसलते क्यूं हैं।

इन रातों से अपना रिश्ता जाने कैसा रिश्ता है,

नींदें कमरों में जागी हैं ख़्वाब छतों पर बिखरे हैं।

तेरी हर बात ​मोहब्बत में गँवारा करके​,

​दिल के बाज़ार में बैठे हैं खसारा करके​,

​मैं वो दरिया हूँ कि हर बूंद भंवर है जिसकी​,​​

​तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके।

अब हम मकान में ताला लगाने वाले हैं,

पता चला हैं की मेहमान आने वाले हैं।

कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं,
कभी धुएं की तरह पर्वतों से उड़ते हैं,
यह क्या हमें उड़ने से खाक रोकेंगे
कि हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं।
Rahat Indori Shayari In Hindi

 Mohabbat Rahat Indori Shayari

मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता,

यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थ।

मेरी ख्वाहिश है कि आंगन में न दीवार उठे,

मेरे भाई, मेरे हिस्से की जमीं तू रख ले

कभी दिमाग, कभी दिल, कभी नजर में रहो,

ये सब तुम्हारे घर हैं, किसी भी घर में रहो।

कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं,

कभी धुए की तरह परबतों से उड़ते हैं,

ये कैंचियाँ हमें उड़ने से ख़ाक रोकेंगी,

के हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं…

साँसों की सीडियों से उतर आई जिंदगी,

बुझते हुए दिए की तरह जल रहे हैं हम,

उम्रों की धुप, जिस्म का दरिया सुखा गई,

हैं हम भी आफताब, मगर ढल रहे हैं हम।

छू गया जब कभी ख्याल तेरा

दिल मेरा देर तक धड़कता रहा।

कल तेरा जिक्र छिड़ गया था घर में

और घर देर तक महकता रहा।

सफ़र की हद है वहाँ तक की कुछ निशान रहे,

चले चलो की जहाँ तक ये आसमान रहे,

ये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिल,

मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान रहे।

ना हम-सफ़र ना किसी हम-नशीं से निकलेगा

हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा।

Rahat Indory Shayari Image

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है सादगी में अगर यह आलम,

के जैसे बिजली चमक रही है,

जो बन संवर के सड़क पे निकलो,

तो शहर भर में धमाल कर दो।

दो ग़ज सही ये मेरी मिल्कियत तो है

ऐ मौत तूने मुझे जमींदार कर दिया।

अजनबी ख़्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ,

ऐसे ज़िद्दी हैं परिंदे कि उड़ा भी न सकूँ,

फूँक डालूँगा किसी रोज़ मैं दिल की दुनिया,

ये तेरा ख़त तो नहीं है कि जला भी न सकूँ।

मैं वो दरिया हूँ की हर बूंद भँवर है जिसकी,

तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके।

अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे,

फिर भी मशहूर हैं, शहरों में फ़साने मेरे।

उस की याद आई है, साँसों ज़रा आहिस्ता चलो

धड़कनो से भी इबादत में ख़लल पड़ता है।

Rahat Indory Shayari Image

ये दुनिया है इधर जाने का नईं,

मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर,

मगर हद से गुजर जाने का नईं।

नये किरदार आते जा रहे है

मगर नाटक पुराना चल रहा है।

ये हादसा तो किसी दिन गुज़रने वाला था,
मैं बच भी जाता तो इक रोज़ मरने वाला था।
Rahat Indori Shayari In Hindi

मज़ा चखा के ही माना हूँ मैं भी दुनिया को

समझ रही थी की ऐसे ही छोड़ दूंगा उसे।

कही अकेले में मिलकर झंझोड़ दूँगा उसे,

जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे,

मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उस का,

इरादा मैंने किया था की छोड़ दूँगा उसे।

प्यास तो अपनी सात समन्दर जैसी थी,

ना हक हमने बारिश का अहसान लिया।

Rahat Indory Shayari Image

रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता हैं,

चाँद पागल हैं अन्धेरें में निकल पड़ता हैं,

उसकी याद आई हैं सांसों, जरा धीरे चलो,

धडकनों से भी इबादत में खलल पड़ता हैं।

एक ही नदी के है यह दो किनारे दोस्तो

दोस्ताना ज़िन्दगी से, मौत से यारी रखो।

शहर क्या देखें कि हर मंज़र में जाले पड़ गए,

ऐसी गर्मी है कि पीले फूल काले पड़ गए।

शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम

आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे

लवे दीयों की हवा में उछालते रहना,

गुलो के रंग पे तेजाब डालते रहना,

में नूर बन के ज़माने में फ़ैल जाऊँगा,

तुम आफताब में कीड़े निकालते रहना।

लोग हर मोड़ पे रुक रुक के संभलते क्यूँ है

इतना डरते है तो घर से निकलते क्यूँ है।

Deep Meaning Motivational Rahat Indori Shayari In Hindi

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अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए,

कितने शरीफ़ लोग थे सब खुल के आ गए।

इश्क में जीत जाने के लिए काफी हूं

मै अकेला ही जमाने के लिए काफी हूं !

मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया,

इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए।

लिखेगा कोई गजले तो शायर भी होगा

मगर राहत इंदौरी जैसा कोई

मशहूर शायर ना होगा !

गम सलामत हैं तो पीते ही रहेंगे लेकिन,

पहले मयखाने की हालात तो संभाली जाए।

राते किसी याद में कटती हैं

और दिन दफतर खा जाता है

दिल जीने पर माइल होता है

तो मौत का डर खा जाता है !

इन्तेज़ामात नए सिरे से संभाले जाएँ,

जितने कमजर्फ हैं महफ़िल से निकाले जाएँ।

सितारों की फसलें उगा ना सका कोई,

मेरी ज़मीं पे कितने ही आसमान रहे।

जा के कोई कह दे शोलो से चिंगारी से

फूल इस बार खिले है बड़ी तैयारी से !

वो एक सवाल है फिर उसका सामना होगा,

दुआ करो की सलामत मेरी ज़बान रहे।

इस बार एक और भी दीवार गिर गयी,

बारिश ने मेरे घर को हवादार कर दिया।

इरादा था कि मै कुछ देर तूफान

का मज़ा लेता मगर बेचारे दरिया

को उतर जाने की जल्दी थी !

❝ मेरे चेहरे पे कफ़न ना डालो,

मुझे आदत आदत है मुस्कुरा ने की,

मेरी लाश को ना दफ़नाओ,

मुझे उम्मीद है उस के आने की. ❞

मेरी हुजरे मे नही और कही

पर रख दो आसमा लाये हो

ले आओ जमी पर रख दो !

❝ नींद उड़ा कर मेरी कहते है वो कि सो जाओ कल बात करेंगे,

अब वो ही हमें समझाए कि कल तक हम क्या करेंगे ❞

इक शहंशाह ने दौलत का

सहारा लेकर हम ग़रीबो की

मोहब्बत का मज़ाक़ उड़ाया है !

Rahat Indori Shayari On Love

rahat indori shayari on politics in hindi

❝ जानता हूँ मे मेरा वक़्त मुजपे बेरहेम है

मरहम तो ना मिला मिले पल पल तो बस ज़ख़्म है

इस दुनिया से मे उमीद क्या रखूं

दुनिया भी तो उमीद पे कायम है . ❞

किसी के दिल या किसी की नजरो

मे रहो या किसी की दुआओ मे रहो

या राहत इंदौरी की शायरी मै रहो !

❝ मिट चले मेरी उम्मीदों की तरह हरफ़ मगर

आज तक तेरे खातों से तेरी खुश्बू ना गई ❞

शोर मत करना मेरी गजल

के पीछे कई हसरते छुपी है

इस चांद से चेहरे के पीछे !

❝ कुछ कटी हिम्मत-ए-सवाल में उम्र

कुछ उम्मीद-ए-जवाब में गुज़री – ❞

दिलो मे आग लबो पर गुलाब

रखते है हम आशिक चेहरे

पर खुशी का राज रखते है !

❝ “सिर्फ एक “दिल” ही है जो बिना
आराम किये सालों काम करता है
,इसे हमेशा “खुश” रखिये ,
चाहे ये आपका हो या आपके अपनों का ❞
Rahat Indori Shayari In Hindi

जिंदगी का सफर तो सारा रास्ते

मे कट गया फिर वह कौन लोग है

जो मंजिल की तलाश करते है !

❝ यूँ तो हर शाम उम्मीदों पे गुज़र जाती थी

आज कुच्छ बात है जो शाम पे रोना आया ❞

मोहब्बत के सफर मे निशान छोड़ गए

अपनी जुदाई के आसमान छोड़ गए !

इश्क मे नफरतो का दौर चल रहा है

यहां पर राहत इंदौरी की शायरी

का शोर चल रहा है !

❝ ये अच्छा है के आपस के भरम ना टूटने पाएँ

कभी भी दोस्तों को आज़मा कर कुच्छ नहीं मिलता ❞

शायर प्यार की निशानी है

जिसमे दर्द और गुस्सा

दोनों की अनकही कहानी है !

❝ उठा कर तलवार जब घोड़े पे सवार होते

बाँध के साफ़ा जब तैयार होते

देखती है दुनिया छत पे चढ़के

कहते है की काश हम भी ऐसे होशियार होते… ❞

Rahat Indori Shayari On Politics In Hindi

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यह मोहब्बत तू किसी दिन गुजरने वाली थी

पर आपकी जुदाई ने हमे रोज तनहाई दी !

❝ तुझसे उमीद ही बेवफा निकली आए खुद को वफ़ा कहने वाली,

की सोचता हूँ क्या तुझपे मेने जान लुटाई इस कदर !! ❞

मोहब्बत आपके दिल से हो गई एक

राहत थी अब खुदा की रहमत हो गई !

❝ उगता हुआ सूरज दुआ दे आपको

खिलता हुआ फूल खुशबू दे आपको

हम तो कुछ भी देने के काबिल नहीं,

देनेवाला हज़ार खुशिया दे आपको! ❞

दिखावे के शहरो में

हम खुशियो के नवाब है

बस हाल मत पूछना

जनाब क्योकि अभी

वक्त थोड़ा खराब है..!

❝ सौ सौ उम्मीदें बाँधती हैं इक इक निगाह पर

मुझ को ना ऐसे प्यार से देखा करे कोई – ❞

यू गुलफत को वो

अपनी चाहत कर गए

जो खुद राहत थे वो करोड़ो

दिलो को आहत कर गए..!

❝ उम्मीद-ए-शिफा भी नहीं बीमार को तेरे

अल्लाह से मायूस हुआ भी नहीं जाता ❞

मेरा सारा सफर तो जिंदगी

तेरे कठिन रास्तो में कट गया

फिर वो कौन है जो मंजिलो में रहते है..!

❝ छ्चीन गई आख़िरी उमीद भी दिल से “आसार”

ये सहारा है की अब कोई सहारा ना रहा ❞

अब वो राहत इन

कानो में नही रह पाएगी

तेरी शायरी के बगैर इंदौर की

गलियां इंदौरी नही कहलाएगी..!

❝ एक दिन हम भी कफ़न ओढ़ जाएँगे…..
हर एक रिश्ता इस ज़मीन से तोड़े जाएँगे……
जितना जी चाहे सतालो यारो……
एक दिन रुलाते हुए सबको छोड़ जाएँगे…… ❞
Rahat Indori Shayari In Hindi

तेरे लबों पर एक इबादत है

तेरी नजरो में एक राहत है

तेरे रूठने पर रियासत है

तुझे चाहना एक सियासत है..!

Rahat Indori Shayari In Hindi

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❝ वाबस्ता हो गयी थी कुछ उमीदान आप से

उमीदों का चीरघ बुजाने क शुक्रिया ❞

मेरी चाहत हो तुम मेरी राहत हो तुम

हां कई जन्मो की मेरी इबादत हो तुम..!

सूरज सितारे चाँद मिरे सात में रहे

जब तक तुम्हारे हात मिरे हात में रहे

Rahat Indori Shayari In Hindi

rahat indori shayari in hindi

अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है

उम्र गुज़री है तेरे शहर में आते जाते

हाथ ख़ाली हैं तेरे शहर से जाते जाते

जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते

बोतलें खोल कर तो पी बरसों,

आज दिल खोल कर भी पी जाए

सभी का ख़ून है शामिल यहाँ की मिट्टी में

किसी के बाप का हिन्दोस्तान थोड़ी है

जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे,

किराएदार हैं ज़ाती मकान थोड़ी है

नए किरदार आते जा रहे हैं

मगर नाटक पुराना चल रहा है

बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर जो

मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ

हमारे मुँह से जो निकले वही सदाक़त है,

हमारे मुँह में तुम्हारी ज़ुबान थोड़ी है

rahat indori shayari in hindi

मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता

यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थी…

रोज़ पत्थर की हिमायत में ग़ज़ल लिखते हैं

रोज़ शीशों से कोई काम निकल पड़ता है…!!

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है,

चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है…!

मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया,

इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए।

बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर

जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ

बुलाती है मगर जाने का नहीं,

बुलाती है मगर जाने का नहीं

ये दुनिया है इधर जाने का नहीं

कहीं अकेले में मिल कर झिंझोड़ दूँगा उसे,

जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे

नींद से मेरा ताल्लुक़ ही नहीं बरसों से

ख़्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यूं हैं

ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे

जो हो परदेस में वो किससे रज़ाई मांगे

Rahat Indori Shayari On Politics In Hindi

rahat indori shayari on Politics In Hindi

ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला था,

मैं बच भी जाता तो एक रोज मरने वाला था

किसने दस्तक दी, दिल पे, ये कौन है,

आप तो अन्दर हैं, बाहर कौन है

बोतलें खोल कर तो पी बरसों

आज दिल खोल कर भी पी जाए

बीमार को मरज़ की दवा देनी चाहिए

मैं पीना चाहता हूँ पिला देनी चाहिए

इश्क खता हैं, तो ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो

जागने की भी, जगाने की भी, आदत हो जाए,

काश तुझको किसी शायर से मोहब्बत हो जाए

मैं आ कर दुश्मनों में बस गया हूँ,

यहाँ हमदर्द हैं दो-चार मेरे

तूफानों से आंख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो,

मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो।

आग के पास कभी मोम लाकर देखू,

हो इजाजत तो आपको हाथ लगाकर देखू ।

rahat indori shayari on politics in hindi

उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो 

धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है

दोस्ती जब किसी से की जाए,

दुश्मनों की भी राय ली जाए

शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम 

आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे

हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे 

कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते

न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा,

हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा

दरवाज़े पर लिखा हुआ है सच बोलो,

झूठों ने झूठों से कहा है सच बोलो

घर के अंदर तो झूठों की एक मंडी है

सरकारी एलान हुआ है सच बोलो !!

Rahat Indori

कई दिनों से अँधेरों का बोलबाला है

चराग़ ले के पुकारो कहाँ उजाला है !

Rahat Indori

अपने हाकिम की फ़कीरी पे तरस आता है

जो ग़रीबों से पसीने की कमाई माँगे !

Rahat Indori

चराग़ों को उछाला जा रहा है

हवा पर रौब डाला जा रहा है !

Rahat Indori

rahat indori shayari on politics in hindi

मैं साँसें तक लुटा सकता हूँ उसके एक इशारे पर

मगर वो मेरे हर वादे को सरकारी समझता है !

Rahat Indori

अब न मैं वो हूँ न बाकी हैं ज़माने मेरे

फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे !

Rahat Indori

देखो देखो जानम हम दिल अपना तेरे लिए लाए

सोचो सोचो दुनिया में क्यूँ आए तेरे लिए आए !

Rahat Indori

जो दुनिया को सुनाई दे उसे कहते हैं ख़ामोशी जो,

आँखों में दिखाई दे उसे तूफ़ान कहते हैं

दिल्ली से हम ही बोला करें अम्न की बोली,

यारो तुम भी कभी लाहौर से बोलो

वो हिंदू, मैं मुस्लिम, ये सिक्ख, वो ईसाई

यार ये सब सियासत है चलो इश्क़ करें

चरागों का घराना चल रहा है

हवाओं से दोस्ताना चल रहा है..

नए किरदार आते जा रहे हैं

मगर नाटक पुराना चल रहा है..

जितने अपने थे सब पराए थे

हम हवा को गले लगाए थे..

है तेरा कर्ज मेरी आंखों पर

तूने सपने बहुत दिखाए थे..

Rahat Indori Shayari On Love

rahat indori shayari on love

राज़ जो कुछ भी हो इशारों में बता भी देना

हाथ जब उससे मिलाना थोड़ा दबा भी देना

आँखों में पानी रखों, होंठो पे चिंगारी रखो

जिंदा रहना है तो तरकीबे बहुत सारी रखो

उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो

धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है

घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया

घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है

अपने हाकिम की फकीरी पर तरस आता है

…… जो गरीबों से पसीने की कमाई मांगे

हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे

कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते

मैं ने अपनी ख़ुश्क आँखों से लहू छलका दिया

इक समुंदर कह रहा था मुझ को पानी चाहिए

जुबां तो खोल, नज़र तो मिला, जवाब तो दे

मैं कितनी बार लुटा हूँ, हिसाब तो दे

rahat indori shayari on love

बीमार को मरज़ की दवा देनी चाहिए

मैं पीना चाहता हूँ पिला देनी चाहिए

इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए

तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए

हर एक हर्फ़ का अंदाज़ बदल रखा हैं

आज से हमने तेरा नाम ग़ज़ल रखा हैं

मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता

यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थी

मिरी ख़्वाहिश है कि आँगन में न दीवार उठे

मिरे भाई मिरे हिस्से की ज़मीं तू रख ले

कहीं अकेले में मिल कर झिंझोड़ दूँगा उसे

जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे

मैं पर्बतों से लड़ता रहा और चंद लोग

गीली ज़मीन खोद के फ़रहाद हो गए

आँखों में पानी रखों, होंठो पे चिंगारी रखो

जिंदा रहना है तो तरकीबे बहुत सारी रखो

राह के पत्थर से बढ के, कुछ नहीं हैं मंजिलें

रास्ते आवाज़ देते हैं, सफ़र जारी रखो

rahat indori shayari in hindi love

अब जो बाज़ार में रखे हो तो हैरत क्या है

जो भी देखेगा वो पूछेगा की कीमत क्या है

एक ही बर्थ पे दो साये सफर करते रहे

मैंने कल रात यह जाना है कि जन्नत क्या है

मौसमो का ख़याल रखा करो

कुछ लहू मैं उबाल रखा करो

लाख सूरज से दोस्ताना हो

चंद जुगनू भी पाल रखा करो

इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए

तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए

फूल बेचारे अकेले रह गए है शाख पर

गाँव की सब तितलियों के हाथ पीले हो गए

इस से पहले की हवा शोर मचाने लग जाए

मेरे “अल्लाह” मेरी ख़ाक ठिकाने लग जाए

इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए

तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए

जागने की भी, जगाने की भी, आदत हो जाए

काश तुझको किसी शायर से मोहब्बत हो जाए

तेरे बदन की लिखावट में हैं उतार चढाव

में तुझको कैसे पढूंगा, मुझे किताब तो दे

पहले मैंने अपने दरवाजे पर खुद आवाज दी

फिर थोड़ी देर में खुद निकल कर आ गया

Rahat Indori Shayari In Hindi Love 

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मैंने शाहो की मोहब्बत का भरम तोड़ दिया,

मेरे कमरे मे भी एक ताजमहल रखा है

ये केचियाँ हमें उड़ने से खाक रोकेंगी

की हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं

जो जुर्म करते है इतने बुरे नहीं होते

सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती हैं

चोर उचक्कों की करो कद्र, कि मालूम नहीं,

कौन, कब, कौन सी सरकार में आ जाएगा

मुन्तज़िर हूँ के सितारों की ज़रा आँख लगे,

चाँद को छत पे बुला लूंगा इशारा करके

किसी से हाथ भी छुप कर मिलाइए

वरना इसे भी मौलवी साहब हराम कह देंगे

शाखों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम

आँधी से कोई कह दो, कि औकात में रहे

भुलादे मुझको मगर, मेरी उंगलियों के निशान

तेरे बदन पे अभी तक चमक रहे होंगे

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एक ही नदी के हैं ये दो किनारे दोस्तो,

दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो

जिस्म से साथ निभाने की मत उम्मीद रखो

इस मुसाफिर को तो रास्ते में ठहर जाना है

उसकी याद आई हैं सांसों, जरा धीरे चलो

धडकनों से भी इबादत में खलल पड़ता हैं

जंग है तो जंग का मंज़र भी होना चाहिए

सिर्फ नेज़े हाथ में हैं सर भी होना चाहिए

मोड़ होता है जवानी का संभलने के लिए

और सब लोग यहीं आके फिसलते क्यों हैं

मैं न जुगनू हूँ, दिया हूँ न कोई तारा हूँ

रोशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यों हैं

सौदा यही पे होता है हिन्दोस्तान का

संसद भवन में आग लगा देनी चाहिए

नसीहतें न करो ऐ इश्क़ करने वालों,

ये आग और भड़क जाएगी बुझाने से।

Mohabbat Rahat Indori Shayari

motivational rahat indori shayari

बहुत गुरूर है दरिया को अपने होने पर,

जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ।

मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया,

इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए।

आंख में पानी रखो, होठों पे चिंगारी रखो

जिंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो..

एक ही नदी के है ये दो किनारे दोस्तों

दोस्ताना जिंदगी से, मौत से यारी रखो..

जुबाँ तो खोल, नज़र तो मिला, जवाब तो दे

मैं कितनी बार लुटा हूं, मुझे हिसाब तो दे..

तेरे बदन की लिखावट में है उतार चढ़ाव,

मैं तुझको कैसे पढूँगा, मुझे किताब तो दे..

जाके ये कह दो कोई शोलों से, चिंगारी से

फूल इस बार खिले हैं बड़ी तैयारी से..

बादशाहों से भी फेंके हुए सिक्के ना लिए

हमने खैरात भी मांगी है तो खुद्दारी से..

हम अपनी जान की दुश्मन को

अपनी जान कहते हैं..

मोहब्बत की इसी मिट्टी को

हिंदुस्तान कहते हैं..

कभी दिमाग, कभी दिल,

कभी नजर में रहो..

ये सब तुम्हारे ही घर है

किसी भी घर में रहो..

जितना देख आए हैं, अच्छा है, काफी है

अब कहां जाइएगा दुनिया है यही काफी है..

हमसे नाराज हैं एक सूरज की पड़े सोते हो

जाग उठने की तमन्ना है, यही काफी है..

motivational rahat indori shayari

आते जाते हैं कई रंग मेरे चेहरे पर,

लोग लेते हैं मजा ज़िक्र तुम्हारा कर के।

लोग हर मोड़ पे रुक रुक के सँभलते क्यूँ हैं,

इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यूँ हैं

मैं वो दरिया हूँ कि हर बूँद भँवर है जिसकी,

तुम ने अच्छा ही किया मुझ से किनारा कर के।

आप के इंतजार में खो

दिया हमने अपना चैन..

आपके आने की खबर से 

मिली राहत और रैन..

आपकी आंखो में हो आंसू,

तो मैं खुशी कैसे मनाऊंगी..

जब तक ना हो आपके चेहरे पर मुस्कान, 

हमें राहत कैसे नसीब होगी.

सिर्फ खंजर ही नहीं आंखों में पानी चाहिए,

ए खुदा दुश्मन भी मुझको खानदानी चाहिए। 

शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम 

आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे। 

ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे 

नींद रक्खो या न रक्खो ख़्वाब मेयारी रखो। 

rahat indori shayari in hindi

ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ,

मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ।

अब हम मकान में ताला लगाने वाले हैं,

पता चला हैं की मेहमान आने वाले हैं। 

हम अपनी जान के दुश्मन को अपनी जान कहते हैं

मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिंदुस्तान कहते हैं। 

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है,

चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है। 

सूरज से जंग जीतने निकले थे बेवकूफ,

सारे सिपाही मोम के थे घुल के आ गए।

फैसला जो कुछ भी हो हमें मंजूर होना चाहिए

जंग हो या इश्क हो भरपूर होना चाहिए। 

Rahat Indory Shayari Image

सभी का ख़ून है शामिल यहाँ की मिट्टी में

किसी के बाप का हिन्दोस्तान थोड़ी है। 

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Last Word

तो दोस्तों कैसी लगी आपको यह Rahat Indori Shayari In Hindi मुझे आशा कि आपको यह Motivational Rahat Indori Shayari आपको बहुत ही पसंद आयी होगी। 

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